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उपभोक्ता को एमसीए 21 सेवाओं की प्राप्ति हेतु कई भुगतान करने आवश्यक होते हैं। ऐसे कई उदाहरण देखे गए हैं जिसमें उपभोक्ता ने विभिन्न भुगतान या गलत भुगतान या अधिक भुगतान इन सेवाओं के प्रयोग के समय किए थे। हितधारकों को ऐसे भुगतानों की वापसी की अनुमति देने के लिए कारपोरेट कार्य मंत्रालय ने कम्पनी और एलएलपी दोनों को धन वापसी प्रक्रिया की शुरुआत की थी। अनुमोदित धनवापसी प्रक्रिया देखने के लिए यहां क्लिक करें।
आपको धन वापसी के दावे के लिए एमसीए पोर्टल 21 पर उपलब्ध ‘धनवापसी प्ररूप’ को दाखिल करना होगा।
एमसीए 21 फीस की धनवापसी निम्नलिखित मामलों में होगी :
क) एकाधिक भुगतान – इसमें वे मामले शामिल हैं जिनमें सेवा मांगने वाला एकाधिक ई-प्ररूप सं. आईएसी-2/आईएनसी-7/ आईएनसी-29/पुराना प्ररूप-1/ ई-प्ररूप-2 एलएलपी या ई प्ररूप सं. एसएच-7/ पुराना प्ररूप- 5/ ई प्ररूप-3 एलएलपी दायर करते हैं और एक ही सेवा के लिए एक से अधिक बार भुगतान करते हैं। हालांकि अनुमोदित ई-प्ररूपों के संबंध में धनवापसी की अनुमति नहीं दी जाएगी।
ख) गलत भुगतान – इसमें वे मामले शामिल हैं जहां सेवा मांगने वाले ने विविध फीस सुविधा भुगतान के अधीन गलत विकल्प के जरिए ई-प्ररूप के संबंध में या स्टाम्प शुल्क के जरिए किया है।
ग) अधिक भुगतान – इसमें वे मामले शामिल हैं जहां अधिक शुल्क का भुगतान सेवा मांगने वाले के द्वारा ई-प्ररूप में गलत डाटा भरने के कारण या एमसीए 21 प्रणाली में लीगेसी प्रणाली से डाटा हस्तांतरण के कारण गलत डाटा भरा है।
घ) एनईएफटी द्वारा गलत भुगतान – धन की वापसी मामलों में ऐसे मामले भी शामिल है जहां एनईएफटी के जरिए गलत भुगतान किया गया है, अर्थात् :-
i. स्टाम्प ड्यूटी फीस का भुगतान उस खाते में जो एमसीए फाइलिंग फीस के रूप में जाना जाता है।
ii. एमसीए फाइलिंग फीस का भुगतान उस खाते में जो स्टाम्प ड्यूटी फीस के रूप में जाना जाता है।
iii. एसआरएन की तारीख समाप्ति के बाद भुगतान।
iv. एकाधिक एसआरएन के लिए एकल समेकित भुगतान।
v. एमसीए-21 प्रणाली में वर्णित राशि से अधिक भुगतान।
vi. एमसीए-21 प्रणाली में वर्णित राशि से कम भुगतान।
vii. बिना एसआरएन सृजन के भुगतान।
जी नहीं, स्टाम्प शुल्क की धन वापसी के लिए आपको संबंधित राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश से सम्पर्क करना होगा।
जी हां, आमेलन के मामले में हस्तांतरिती कम्पनी द्वारा फाइलिंग की अनुमति दी जाएगी।
धन वापसी प्रक्रिया निम्नलिखित सेवाओं/ई-प्ररूपों के लिए लागू नहीं है :
•दस्तावेजों का सार्वजनिक निरीक्षण
•प्रमाणित प्रतियों हेतु अनुरोध
•स्टाम्प ड्यूटी शुल्क (डी/ई सीरीज़ एसआरएन)
धनवापसी प्ररूप दाखिल करने के लिए कोई फीस नहीं है।
जी हां, धन वापसी प्ररूप को निर्धारित समय सीमा में दाखिल किया जाना चाहिए इसके अतिरिक्त धनवापसी राशि में से धन की कटौती समय अवधि पर आधारित होगी जिसके भीतर धनवापसी ई-प्ररूप को दाखिल किया जाना है।
निम्नलिखित समय सीमा स्तर धन वापसी प्ररूप के लिए और धन वापसी राशि में से संगत धन की कमी है।
समय जिसके भीतर धनवापसी आवेदन किया जाना चाहिए | धनराशि को कम करने का मूल्य |
---|---|
0-90 दिवस | 2.5% |
91-180 दिवस | 5% |
181- 270 दिवस | 7.5% |
271-365 दिवस | 10% |
>365 दिवस | 25% |
इस अवधि के बाद आवेदन की अनुमति नहीं है। | 1095 दिवस |
उपरोक्त समय सीमाओं की गणना करने के लिए समय निम्नानुसार शुरू होगा :
i. 30/04/2011 तक सृजित एसआरएन के लिए मांगी गई धन की वापसी (विशिष्ट रूप से नीचे वर्णित मामलों के सिवाय) – 01.05.2011 से
ii. एनईएफटी के जरिए गलत भुगतान के लिए मांगी गई धन वापसी – 22/06/2012 से
iii. एकाधिक भुगतान के लिए मांगी गई धन की वापसी यदि प्ररूप-1 या प्ररूप-5 कम्पनी अधिनियम 1956 के अन्तर्गत दाखिल किया गया है जहां संगत अन्य प्ररूप आईएनसी-7 या एसएच-7 को कम्पनी अधिनियम, 2013 के अन्तर्गत दाखिल किया गया है – प्रणाली में संशोधित धन वापसी प्रक्रिया के कार्यान्वयन की तिथि से।
iv. एलएलपी अधिनियम, 2008 के अन्तर्गत प्ररूपों के लिए भुगतान की धनवापसी – धन वापसी प्रणाली में संशोधित धनवापसी प्रणाली के कार्यान्वयन की तिथि से या एसआरएन सृजन की तिथि, इनमें से जो भी बाद में हो।
v. कम्पनी अधिनियम, 2013 के अन्तर्गत दाखिल प्ररूपों के भुगतान के लिए धनवापसी की मांग प्रणाली में संशोधित धनवापसी प्रणाली के कार्यान्वयन की तिथि से या एसआरएन के सृजन की तिथि से, इनमें से जो भी बाद में हो।
vi. कम्पनी विधि बोर्ड या अन्य विनियम प्राधिकरणों से संबंधित भुगतान हेतु मांगी गई धन वापसी प्रणाली में संशोधित धनवापसी प्रक्रिया के कार्यान्वयन की तिथि से या एसआरएन सृजन की तिथि से, इनमें से जो भी बाद में हो।
vii. अन्य मामलों में दावा की गई धनवापसी – एसआरएन (जिसके लिए धनवापसी आवेदन किया गया है) सृजन की तारीख से। .
एनईएफटी द्वारा अदा की गई फीस की वापसी के लिए, कोई कटौती नहीं की जाएगी। हालांकि 1095 दिवस की उपरोक्त सीमा लागू होगी।
वर्तमान में धनवापसी की अदायगी का तरीका आपके बैंक खाते में सीधा जमा है।
जी हां, अन्य धनवापसी प्ररूप को दाखिल करने की अनुमति है। हालांकि केवल एक अन्य धनवापसी प्ररूप को एक संव्यवहार हेतु अनुमति दी गई है अर्थात् धनवापसी प्ररूप उसी अनुरोध के लिए दो बार अस्वीकृत कर दी गई है तो अन्य धन वापसी प्ररूप को दाखिल करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
एक बार धनवापसी का ई-प्ररूप “धनवापसी के योग्य” पाया जाता है तो एमसीए को इसको आपको ई-मेल के जरिए जीएआर 33 प्ररूप के साथ सूचित करना चाहिए। यह जीएआर 33 एमसीए पोर्टल 21 पर “संव्यवहार स्थिति देखें” प्रणाली पर उपलब्ध है।
आपको जीएआर 33 को हस्ताक्षरित कर उसकी प्रति आहरण एवं वितरण अधिकारी, कारपोरेट कार्य मंत्रालय को निम्नलिखित पते पर भेजनी होगी :
श्री शशिराज दारा, उप निदेशक, कारपोरेट कार्य मंत्रालय, कमरा सं. 508ए, 5वीं मंजिल, ए विंग, शास्त्री भवन, डा. राजेन्द्र प्रसाद रोड, नई दिल्ली-110001
जीएसआर 33 की रसीद की प्राप्ति के बाद राशि को अदाता के बैंक खाते में हस्तांतरित कर दी जाएगी।