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कंपनियों/एलएलपी के लिए ई-फाइलिंग करने हेतु आपको ई-फार्म डाऊनलोड करने और इसे ऑफलाइन मोड में भरने की सुविधा दी गई है। प्रत्येक फार्म में एमसीए21 प्रणाली में उपलब्ध आंकड़ों को प्री-फिल करने की सुविधा है। ई-फार्म एकबार भर लेने के बाद आपको पूर्व संवीक्षा बटन का प्रयोग करते हुए ई-फार्म को सत्यापित करना होगा। उसके पश्चात् संगत डिजिटल हस्ताक्षर करना होगा और फर्म को सुरक्षित करना होगा। प्री-फिल और पूर्व संवीक्षा कार्यों को लिए इंटरनेट से जुड़ा होना आवश्यक है। चरण-दर-चरण प्रक्रिया नीचे दी गई है। संगत अनुदेश किट के अनुसार भरा गया ई-फार्म एमसीए21 पोर्टल पर अपलोड करना होता है। सफलतापूर्वक अपलोड होने पर सेवा अनुरोध संख्या (एसआरएन) सृजित होगा और आपको सांविधिक शुल्कों का भुगतान करने का निदेश दिया जाएगा। चरण-दर-चरण प्रक्रिया नीचे दी गई है। भुगतान होने जाने के बाद भुगतान की स्थिति और फाइलिंग की स्थिति एमसीए पोर्टल पर क्रमश: ‘अपनी भुगतान स्थिति ट्रैक करें’ और ‘अपनी संव्यवहार स्थिति ट्रैक करें’ लिंक का प्रयोग करते हुए देखा जा सकता है।
एमसीए21 पोर्टल से ई-फार्म डाऊनलोड करने के लिए श्रेणी का चयन करें (अनुदेश किट के साथ या उसके बिना)।
स्वंय को प्रक्रियाओं से वाकिफ करने के लिए आप, किसी भी समय, संबंधित अनुदेश किट पढ़ सकते हैं (आप ई-फार्म के साथ अनुदेश किट डाऊनलोड कर सकते हैं या हेल्प मीनू के तहत इसे देख सकते हैं)।
डाऊनलोड किया हुआ ई-फार्म भरें।
संलग्नकों के रूप में आवश्यक दस्तावेज संलग्न करें।
इंटरनेट से जुड़कर हल्के छपे भागों को भरने के लिए ई-फार्म में प्री-फिल बटन का प्रयोग करें।
आवेदक या आवेदक के किसी प्रतिनिधि द्वारा दस्तावेज पर अंकीय हस्ताक्षर द्वारा हस्ताक्षर करना आवश्यक है।
ई-फार्म में फार्म की जांच करें बटन पर क्लिक करना आवश्यक है। यह प्रणाली अनिवार्य फिल्ड, अनिवार्य संलग्नक(संलग्नकों) और अंकीय हस्ताक्षर(हस्ताक्षरों) की जांच करेगी।
ई-फार्म को पूर्व संवीक्षा के लिए अपलोड करना आवश्यक है। पूर्व संवीक्षा सेवा सेवाएं टैब के तहत या अपलोड ई-फार्म बटन पर क्लिक करते हुए ई-फार्म टैब के तहत उपलब्ध है। यह प्रणाली दस्तावेजों का सत्यापन (पूर्व संवीक्षा) करेगी। किसी अपूर्णता की स्थिति में प्रयोक्ता से निष्पादन (हस्ताक्षर) के लिए दस्तावेज तैयार करने से पूर्व गलतियों का सुधार करने के लिए कहा जाएगा।
यह प्रणाली फाइलिंग की विहित तारीख, यदि लागू हो, के आधार पर शुल्क, बिलंब शुल्क सहित, की गणना करेगी।
भुगतान उपयुक्त माध्यमों – इलेक्ट्रोनिक (क्रेडिट कार्ड, इंटरनेट बैंकिंग) या पारंपरिक तरीकों (बैंक काऊंटर पर चालान द्वारा) – के माध्यम से करना होगा।
(क) इलेक्ट्रोनिक भुगतान वर्चुअल फ्रंट ऑफिस (वीएफओ) या पीएफओ पर किया जा सकता है।
(ख) यदि प्रयोक्ता पारंपरिक भुगतान विकल्प चुनता है तो प्रणाली विहित प्रारूप में पूर्व-पुरित चालान की तीन प्रतियां सृजित करेगा। पारंपरिक भुगतान प्रणाली जनित चालान का प्रयोग करते हुए बैंकों के नामित नेटवर्क पर नकद, चेक द्वारा किया जा सकता है। चालान भुगतान स्वीकार करने हेतु अनुमानत: 200 शाखाओं के साथ 5 बैंकों प्राधिकृत होंगे।
सभी ऑनलाइन (इंटरनेट) भुगतान संव्यवहारों के लिए भुगतान की अनन्य पुष्टि भुगतान गेटवे का उपयोग करते हुए की जाएगी।
किसी संव्यवहार की स्वीकृति या अस्वीकृति आवेदक को स्पष्ट रूप से संसूचित की जाएगी (सफल संव्यवहारों हेतु रशीद के मुद्रण की सुविधा सहित)।
एमसीए21 एक विशिष्ट संव्यवहार संख्या, सेवा अनुरोध संख्या (एसआरएन), देगा जिसका उपयोग आवेदक उस संव्यवहार की स्थिति के बारे में पूछ-ताछ करने के लिए कर सकता है।
आवश्यक भुगतान करने के बाद ही फाइलिंग पूर्ण होगी।
अस्वीकृति की स्थिति में आवेदक को उपयोगी उपाय बताए जाएंगे।
आवेदकों को ई-मेल द्वारा एक प्राप्ति दी जाएगी या विकल्प के तौर पर वे एमसीए21 पोर्टल पर भी इसका पता लगा सकते हैं।
पहले कागजी संलग्नकों को स्कैन करें और पीडीएफ फार्मेट में सॉफ्ट प्रति में सुरक्षित करें। उसके पश्चात् उन्हें उपयुक्त ‘संलग्न करें’ बटन पर क्लिक करके ई-फार्म के संलग्नक भाग में संलग्न करें।
स्कैन किए हुए दस्तावेजों को ई-फार्म के साथ संलग्न करके और एमसीए21 पोर्टल पर जमा करके अपलोड/जमा किया जा सकता है।
यह सुनिश्चित करने करने के लिए स्कैन किए हुए पीडीएफ दस्तावेज का आकार अनुमत आकार सीमा के भीतर है, 200 डीपीआई रिजॉल्युशन में ‘ब्लैक एंड व्हाइट’ मोड में स्कैन करने की अनुशंसा की जाती है और यह 2.5 एमबी से अधिक न हो।
प्राधिकृत हस्ताक्षरकर्ता/प्रतिनिधि द्वारा अंकीय हस्ताक्षर प्रमाण पत्र (डीएससी) का प्रयोग करते हुए ई-फार्म पर हस्ताक्षर किया जा सकता है। अंकीय हस्ताक्षर करने के लिए ई-फार्म में लाल रंग के हस्ताक्षर बॉक्स पर क्लिक करें। ई-फार्म का आकार 2.5 एमबी की अनुमत सीमा से अधिक होने से बचने के लिए हमेशा ‘साइन एंड सेव ऐज’ विकल्प का प्रयोग करके डीएससी करें।
क्रेडिट कार्ड/डेबिट कार्ड या इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से इलेक्ट्रोनिक रूप से भुगतान किया जा सकता है। ई-फाइलिंग प्रक्रिया के दौरान प्रणाली आपको भुगतान करने के लिए कहेगा। आप भुगतान की रीति का चुनाव कर सकते हैं, और तदनुसार, भुगतान कर सकते हैं।
यदि आपके पास क्रेडिट कार्ड या इंटरनेट बैंकिंग सुविधा नहीं है तो आप ई-फाइलिंग के पश्चात् प्रणालीजनित पूर्व-पूरित चालान के माध्यम से किसी प्राधिकृत बैंक के काउंटर पर जमा कर सकते हैं।
50000 रूपए से अधिक मूल्य के भुगतान के लिए हितधारकों को इलेक्ट्रोनिक मोड या कागजी चालान में भुगतान करने का विकल्प होगा। किंतु, दिनांक 01.10.2011 से ऐसे भुगतान इलेक्ट्रोनिक मोड में करने होंगे।
भुगतान प्राप्त करने के लिए सभी प्रमुख शहरों और नगरों में निम्नलिखित पांच बैंकों की कई शाखाओं को प्राधिकृत किया गया है –
1. भारतीय स्टेट बैंक
2. पंजाब नेशनल बैंक
3. इंडियन बैंक
4. आईसीआईसीआई बैंक
5. एचडीएफसी बैंक
यह सुविधा देने वाले उपर्युक्त बैंकों की शाखाओं के ब्यौरे एमसीए21 पोर्टल पर ‘प्राधिकृत बैंकों की सूची’ लिंक में दिया गया है।
सफल ई-फाइलिंग और भुगतान के पश्चात् ‘अपनी संव्यवहार स्थिति ट्रैक करें’ लिंक का उपयोग करके अपनी संव्यवहार स्थिति देखी जा सकती है और एसआऱएन संख्या प्रविष्ट करना अपेक्षित होगा। मंत्रालय के संबंधित अधिकारी द्वारा एक बार फार्म अनुमोदित हो जाने के पश्चात् आपकों इस संबंध में एक ई-मेल प्राप्त होगा और फार्म की स्थिति बदलकर अनुमोदित हो जाएगी। यदि स्थिति अनुमोदित के अन्यथा है तो आपको नीचे वर्णित आवश्यक कार्रवाई करनी होगी :
ऐसी स्थिति में संबंधित एमसीए कार्यालय द्वारा बताई गई कमियों/अपूर्णता का सुधार करने के लिए ई-फार्म आपके एसआरएन स्थिति में उल्लिखित विहित तारीख से पहले पुन: जमा करना अपेक्षित है। यदि आप निर्धारित अवधि के भीतर अपना ई-फार्म पुन: जमा करने में असफल रहते हैं तो आपके लिए यह ई-फार्म नए सिरे से शुल्क और अतिरिक्त शुल्क, यदि लागू हो, के भुगतान के साथ दायर करना अपेक्षित होगा।
ऐसी स्थिति में आपसे ई-फार्म 67 (अनुशेष) दायर करना अपेक्षित है ताकि संबंधित एमसीए कार्यालय द्वारा इंगित किए गए कमियों का सुधार किया जा सके अथवा मानी गई अतिरिक्त सूचना/दस्तावेज प्रस्तुत की जा सके। संशोधित विनियम 17 के अनुसार, यदि आपने निर्धारित अवधि के भीतर अपेक्षित सूचना/दस्तावेज उपलब्ध कराने में असफल रहते हैं तो आपके लिए यह ई-फार्म नए सिरे से शुल्क और अतिरिक्त शुल्क, यदि लागू हो, के भुगतान के साथ दायर करना अपेक्षित होगा।
एसटीपी फार्मो के मामले में, उदाहरणार्थ वार्षिक फार्म 20ख, 23कग और 23कगक आदि, यदि कोई त्रुटी या अपूर्णता है तो उसे आरओसी द्वारा ‘त्रुटिपूर्ण’ चिन्हित किया जाता है। आपके लिए त्रुटियों/अपूर्णताओं का सुधार करते हुए यह ई-फार्म नए सिरे से शुल्क और अतिरिक्त शुल्क, यदि लागू हो, के भुगतान के साथ दायर करना अपेक्षित होगा।
ऐसी स्थिति में जहां निर्धारित अवधि के भीतर ई-फार्म पुन: जमा नहीं किया गया है या ई-फार्म 67 (अनुशेष) के माध्यम से अपेक्षित सूचना/दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया जाता है तो एसआरएन की स्थिति ‘अविधिमान्य और अभिलेख में नहीं ली गई (अविधिमान्य और एनबीटीआर)’ चिन्हित किया जाता है और आयोजन के मामले में ‘अविधिमान्य और संव्यवहार रद्द’ चिन्हित किया जाता है। आपके लिए यह ई-फार्म नए सिरे से शुल्क और अतिरिक्त शुल्क, यदि लागू हो, के भुगतान के साथ दायर करना अपेक्षित होगा।
इसका अर्थ यह है कि ई-फार्म केन्द्रीय सरकार, प्रादेशिक निदेशक, कंपनी विधि बोर्ड या किसी अन्य सक्षम प्राधिकारी के अनुमोदन हेतु लंबित है।
इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए आप एमसीए21 पोर्टल पर रजिस्टर कर सकते हैं और विशिष्ट कंपनी (कंपनियों) के संबंध में आम जनता द्वारा देखे जाने हेतु उपलब्ध विशिष्ट कंपनियों के दस्तावेज देखने के लिए ‘सार्वजनिक दस्तावेज देखें’ लिंक पर क्लिक करें। आपके द्वारा कंपनी का चयन कर लेने के बाद आपको प्रति कंपनी 50 रुपए भुगतान करने के लिए कहा जाएगा। भुगतान की प्राप्ति पर प्रणाली आपको पोर्टल पर लॉगइन करने के पश्चात् ‘मेरे दस्तावेज’ लिंक से चयनित कंपनी से संबंधित दस्तावेजों को देखने की अनुमति देगा। आप दस्तावेज देखना शुरू करने के समय से तीन घंटों की अवधि तक दस्तावेज देख सकते हैं। लाइव आरओसी के अधीन आने वाली कंपनियो के लिए पिछले दो वर्षों के लिए तुलन पत्र, वार्षिक विवरणी जैसे दस्तावेज और एमओए तथा एओए जैसे स्थायी दस्तावेज डिजिटल रूप में एमसीए21 पोर्टल पर उपलब्ध हैं।
आप प्रमाणित प्रतियां प्राप्त करने सेवा का उपयोग करके इस सेवा का लाभ ले सकते हैं। एक बार आवश्यक भुगतान कर देने पर आपका अनुरोध संबंधित व्यक्ति के पास भेज दिया जाएगा।
यदि समाप्ति की तारीक से पहले चालान का भुगतान नहीं किया जाता है तो संव्यवहार रद्द हो जाता है और आवेदक के लिए भुगतान हेतु नया चालान सृजित करने हेतु एमसीए21 पोर्टल पर पुन: ई-फार्म फाइल करना आवश्यक है।
एक बार चालान बन जाने के बाद इसका भुगतान किसी प्राधिकृत बैंक शाखा में करना होता है। ई-फाइलिंग के लिए एमसीए21 पोर्टल पर किसी भुगतान रीति, यथा विविध शुल्क विकल्प, का उपयोग करके भुगतन नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि ऐसी स्थिति में भुगतान रीति मूल फाइलिंग संव्यवहार/एसआरएन से लिंक नही होती है।
समान संव्यवहार के लिए पुन: भुगतान प्रयास से पूर्व मूल/पूर्व एसआरएन की भुगतान स्थिति अवश्य जांचें। यदि भुगतान स्थिति ‘भुगतान की गई’ है तो पुन: भुगतान नहीं करें।
एसआरएन संख्या ई-फाइलिंग की स्थिति के सत्यापन की कुंजी है। भुगतान करने/भुगतान की जांच के उद्देश्य/संव्यवहार स्थिति के लिए प्रणालीजनित एसआरएन लिखकर रखें।
भुगतान की पुष्टि के पश्चात् ऑनलाइन दस्तावेज देखने के लिए ‘मेरे दस्तावेज’ टैब के अधीन एक लिंक उपलब्ध कराया जाता है। यह लिंक सात दिनों तक विधिमान्य रहेगा – आप ‘मेरे दस्तावेज’ के अधीन आने वाले दस्तावेजों को सात दिनों के भीतर किसी भी समय देख सकते हैं। तथापि, एक बार दस्तावेज देखना शुरू करने के पश्चात् अधिकतम लगातार तीन घंटों तक ही दस्तावेज देखे जा सकते हैं।
ई-फाइलिंग हेतु हमेशा एमसीए पोर्टल से नया ई-फार्म डाऊनलोड करें।
ई-फार्म पर हस्ताक्षर करते समय ई-फार्म का आकार न्यूनतम रखने के लिए डीएससी जोड़ने हेतु ‘हस्ताक्षर करें और सुरक्षित करें’ विकल्प पर क्लिक करें।
यदि संव्यवहार की स्थिति ‘पुन: जमा करना अपेक्षित’ है तो ई-फार्म को पुन: सही-सही भरना और मूल एसआरएन के लिए दायर करना आवश्यक है। ‘अनुशेष’ विकल्प का प्रयोग संव्यवहार के रूप में न करें क्योकिं ‘अनुशेष’ के माध्यम से संव्यवहार ‘पुन: जमा करें’ की प्रक्रिया के अधीन नहीं आएगा।
यदि एसआरएन की स्थिति ‘पुन: जमा करना अपेक्षित’ है तो मूल फाइलिंग की एसआरएन संख्या देते हुए ई-फार्म को पुन: फाइल करना और ‘ई-फार्म अपलोड’ लिकं के अधीन ‘पुन: जमा करें’ बटन पर क्लिक करते हुए ई-फार्म अपलोड करें। पुन: जमा करने के पश्चात् एसआरएन की स्थिति बदल जाएगी और ई-फार्म आरओसी कार्यालय में प्रक्रिया हेतु उपलब्ध होगा।
फार्म आईएनसी-1
क. कंपनी का प्रकार, या तो निजी या सार्वजनिक या एकल व्यक्ति कंपनी होना चाहिए
ख. उसी कंपनी रजिस्ट्रार के क्षेत्राधिकार के अधीन राज्य (यथा बिहार के स्थान पर झारखंड)
फार्म आईएनसी-2/7
क. कंपनी की उप श्रेणी
ख. कंपनी का पता
ग. प्राधिकृत पूंजी की राशि (यथा एक लाख के स्थान पर दस लाख)
फार्म सीएचजी-1
क. प्रभार सृजन/संशोधन की तारीख
ख. प्रभार सृजन/संशोधन के समय मूल/अंतिम राशि
एमजीटी-14
क. संकल्प का प्रकार (बोर्ड/शेयरधारक/सामान्य/विशेष संकल्प प्रकार) चयन संलग्नक से इतर है
एसएच-7
क. संशोधित पूंजी की गलत राशि
ख. किसी कंपनी द्वारा पहले दायर फार्म एसएच-7 के अनुमोदन से पहले ही एकाधिक ई-फार्म एसएच-7 एक साथ दायर करना। अगले ई-फार्म एसएच-7 दायर करने से पूर्व पहले के ई-फार्मों के अनुमोदन का इंतजार करें।
पोर्टल पर निर्धारित और सूचीबद्ध जावा/एडोब सॉफ्टवेयर रूपांतर का ही प्रयोग करें।